Sunday, 10 July 2011

धान के खेत

इर्द गिर्द हैं
साँसों की मशीने
इंसान कहाँ !

अनाम गंध
बिखेर रही हवा
धान के खेत ।

सदा से बैर
अंधकार का सिर
दिये का पैर ।

डा० जगदीश व्योम

Sunday, 15 May 2011